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अनार की खेती

अनार की खेती ने जेठाराम की तकदीर बदली, बड़े- बड़े बिजनेसमैन को पीछे छोड़ा

अनार की खेती ने जेठाराम की तकदीर बदली, बड़े- बड़े बिजनेसमैन को पीछे छोड़ा

किसान जेठाराम कोडेचा द्वारा उपजाए गए अनार की सप्लाई दिल्ली, अहमदाबाद, कलकत्ता, बेंगलुरु और मुंबई ही नहीं बल्कि बंग्लादेश में भी हो रही है। इससे वे साल में लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं। ज्यादातर लोगों का कहना है, कि खेती- किसानी में अब लाभ नहीं रहा। लागत की तुलना में आमदनी बहुत कम हो गई है। बहुत बार तो उचित भाव नहीं मिलने पर किसानों को हानि हो जाती है। परंतु, परिश्रम और नवीन तकनीक के माध्यम से खेती की जाए, तो यही धरती सोना उगलने लगती है। बस इसके लिए आपको थोड़ा धीरज रखना होगा। आज हम राजस्थान के एक ऐसे किसान के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने खेती से बड़े- बड़े व्यवसायियों को लोहा मनवा दिया है। वे खेती से ही लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं।

अनार की खेती ने बदली जेठाराम की किस्मत

बतादें, कि हम बाड़मेर जिला स्थित भीमडा गांव निवासी जेठाराम कोडेचा के विषय में बात कर रहे हैं। पहले वे पांरपरिक फसलों की खेती करते थे, लेकिन इसमें उन्हें उतनी आमदनी नहीं होती थी। इसके उपरांत उन्होंने खेती करने का तरीका बदल दिया एवं बागवानी शुरू कर दी। वह वर्ष 2016 से अनार की खेती कर रहे हैं। इससे उनकी तकदीर चमक गई। उनके खेत में उगाए गए अनार की आपूर्ति महाराष्ट्र, कलकत्ता बांग्लादेश तक में हो रही है। 

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जेठाराम ने 15 लाख रुपये का लोन लेकर स्टार्टअप के रूप में अनार की खेती शुरू की थी

विशेष बात यह है, कि वर्ष 2016 में जेठाराम ने 15 लाख रुपये का लोन लेकर स्टार्टअप के रूप में अनार की खेती शुरू की थी। इसके लिए उन्होंने महाराष्ट्र के नाशिक से अनार की उन्नत किस्म के 4 हजार पौधे मंगवाए थे। इसके उपरांत कोडेचा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

 

जेठाराम कोडेचा को इतनी आमदनी होती है

मुख्य बात यह है, कि जेठाराम कोडेचा पढ़े- लिखे नहीं है। वे अनपढ़ अंगूठा छाप किसान हैं। इसके होते हुए भी उन्होंने बड़े- बड़े बिजनेसमैन को खुद से पीछे छोड़ दिया है। वह अपने खेत में अनार की भगवा एवं सिंदूरी सरीखी उन्नत किस्मों की पैदावार कर रहे हैं। जेठाराम ने 45 बीघा भूमि में अनार की खेती कर रखी है। एक पौधे से 25 किलो अनार की पैदावार होती है। जेठाराम की मानें तो अनार की खेती चालू करने के एक साल के उपरांत से आमदनी होने लगी। अनार बेचकर दूसरे वर्ष उन्होंने 7 लाख रुपये की आमदनी की थी। इसी प्रकार तीसरे वर्ष 15 लाख, चौथे साल 25 लाख, पांचवें साल अनार से उन्हें 35 लाख रुपये की आमदनी हुई। वह कहते हैं, कि अभी तक अनार बेचकर वह 80 लाख रुपये की आमदनी कर चुके हैं।

भारत में सर्वाधिक अनार का उत्पादन कौन-सा राज्य करता है

भारत में सर्वाधिक अनार का उत्पादन कौन-सा राज्य करता है

भारत के 4 प्रदेशों में अनार का उत्पादन किया जाता है। महाराष्ट्र राज्य में सर्वाधिक अनार का उत्पादन किया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य राज्य भी हैं। इन राज्यों के अंदर किसान अनार का उत्पादन करके बेहतर आय अर्जित कर रहे हैं। सूखा, बारिश और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाऐं और कीट रोग फसल को काफी हानि पहुँचाते हैं। देश में कृषि कर किसान अच्छी वार्षिक आय कर सकते हैं। धान, सरसों, आलू, गेंहू जैसी पारंपरिक खेती की तरफ अधिक रुख रखते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, किसान पारंपरिक खेती से हटकर भी कार्य कर कुछ नया कर सकते हैं। अनार की खेती भी लाभकारी साबित होती है। किसान उन्नत तकनीक एवं बेहतर समझदारी से इसका उत्पादन करें। तब वह इससे अच्छा खासा मुनाफा अर्जित कर सकेंगे। आगे इस लेख में हम यही जानने का प्रयास करेंगे कि देश में किन राज्यों में अनार की पैदावार की जाती है।

अनार का उत्पादन इन 4 राज्यों में भरपूर किया जाता है

आपको बतादें कि अनार का फल एक सदाबहार फल है। इसकी सालभर माँग रहती है, साथ ही इसके प्रत्येक मौसम में खाने के शौकीन हैं। इसके पीछे एक करण भी है। इसके अंतर्गत प्रचूर मात्रा में विटामिन, फाइबर, पोटेशियम, जिंक एवं आयरन विघमान रहता है। डॉक्टर भी बीमार एवं स्वस्थ्य समस्त लोगों को अनार के सेवन हेतु सलाह प्रदान करते हैं। अनार की पैदावार की बात की जाए तो देश के 4 राज्यों के अंतर्गत ही अनार का 95 फीसद तक उत्पादन हो जाता है। देश के किस राज्य में कितना ज्यादा उत्पादन होता है, यह जानने का करेंगे।
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भारत में सर्वाधिक उत्पादन किस राज्य में किया जाता है

भारत के अंदर अनार की सर्वाधिक पैदावार महाराष्ट्र राज्य में होती है। अनार उत्पादन के संबंध में यह प्रथम स्थान रखता है। राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अनार की पैदावार 54.85 फीसद तक होती है। विशेषज्ञों ने बताया है, कि अनार को सही तरीके से विकसित करने हेतु जो जलवायु और मृदा की आवश्यकता होती है। जो कि महाराष्ट्र में उपलब्ध है। किसान भी इसका उत्पादन करके बेहतरीन आय कर सकते हैं।

अनार उत्पादन के मामले में कौन-सा राज्य किस स्थान पर है

आंकड़ों के मुताबिक, अनार उत्पादन में जहां प्रथम स्थान पर महाराष्ट्र है। वहीं, दूसरे स्थान पर गुजरात आता है। यहां भारत का कुल उत्पादन 21.28 फीसद होता है। इसके उपरांत तीसरे स्थान पर कर्नाटक का स्थान है, कर्नाटक में 9.51 फीसद अनार का उत्पादन किया जाता है। वहीं, आंध्र प्रदेश के अंदर भी अनार की पैदावार की जाती है। यहां 8.82 फीसद अनार का उत्पादन किया जाता है।
अनार की खेती करके किसान हो सकते हैं मालामाल, कम लागत में होता है जबरदस्त मुनाफा

अनार की खेती करके किसान हो सकते हैं मालामाल, कम लागत में होता है जबरदस्त मुनाफा

अनार एक बेहतरीन फल है। जो विटामिन्स और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। यह शरीर में हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है, इसके सेवन से शरीर में कभी भी हीमोग्लोबिन की कमी नहीं होती है। अनार में आयरन, पोटेशियम, जिंक, विटामिन के, विटामिन सी, विटामिन बी और ओमेगा-6 की प्रचुरता होती है। जो शरीर को स्वस्थ और तंदरुस्त रखने में सहायक होते हैं। इन्हीं सब खूबियों को देखते हुए बाजार में इन दिनों अनार की भारी मांग रहती है। ऐसे में अगर किसान भाई बाजार की मांग की पूर्ति के लिए अनार की खेती करें तो इससे वो कम समय में अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। यह एक ऐसी फसल है जो उच्च तापमान वाली जगहों पर उगाई जाती है। अनार के पेड़ तेज धूप और उच्च तापमान सहन करने की क्षमता भी रखते है। साथ ही इस फसल में पानी की जरूरत भी बेहद कम होती है। इस कारण से इस फसल की खेती गर्मियों में की जाती है। गर्मियों का मौसम इस फसल के लिए बेहद अनूकूल माना गया है। जितनी ज्यादा गर्मी पड़ेगी, अनार की फसल उतनी तेजी के साथ ग्रोथ कर सकेगी। ज्यादा सिंचाई करने पर अनार के पेड़ अच्छी ग्रोथ नहीं करते हैं। यही कारण है कि इसकी खेती ज्यादा वर्षा वाले स्थानों पर नहीं की जाती है। भारत में अनार की खेती मुख्यतः राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात में की जाती है। कृषि वैज्ञानिक बताते है  कि यह एक सब-ट्रॉपिकल क्लाइमेट पौधा है जो गर्म और उष्ण मौसम में तेजी से विकसित होता है। तेज गर्मी वाले मौसम में इसके फल तेजी से विकसित होते हैं। साथ ही अगर मौसम गर्म रहा तो इस फसल की कटाई भी समय पर की जाती है। अगर अनार के खेत में 38 डिग्री सेल्सियस तापमान रहता है तो यह उसके लिए सबसे अच्छा माना गया है। ये भी पढ़े: अनार की फसल में फूल झड़ने के कारण ओर रोकथाम अनार की खेती के लिए रेतीली मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। इस मिट्टी में अनार का पौधा तेजी से ग्रोथ करता है। अनार के पौधों की रोपाई अगस्त से फरवरी माह के बीच की जाती है। इस दौरान किसान भाई नर्सरी से अनार का पौधा लाकर अपने खेत में लगा सकते हैं। इसके अलावा इसके पौधे कलम विधि द्वारा भी तैयार किए जा सकते हैं। एक साल पुरानी शाखाओं से 20 से 30 सेंटीमीटर लंबी कलमों को काटकर नर्सरी में बेहद आसानी से पौधा तैयार किया जा सकता है। जब कलम में जड़ें विकसित होने लगें तो पौधे को खेत में स्थानांतरित कर दें। फिलहाल बाजार में अनार की कई किस्में उपलब्ध हैं। जिनके पौधे किसान भाई अपने खेत में लगा सकते हैं। ज्योति, मृदुला, कंधारी, अरक्ता और सुपर भगवा अनार की कुछ बेहतरीन किस्मों के नाम हैं। ज्योति किस्म के फल साइज़ में बड़े होते हैं और इनमें रस ज्यादा निकलता है। साथ ही मृदुला किस्म के फल मीडियम साइज के होते हैं और इनके बीजों का रंग लाल होता है। अगर किसान भाई अनार के पेड़ लगाते हैं तो वह पेड़ आगामी 25 सालों तक फल देता रहेगा। जिससे किसान भाई को बिना किसी मेहनत के 25 सालों तक अनार की फसल प्राप्त होती रहेगी।
महाराष्ट्र के दो किसान भाइयों ने अनार उगाकर कमाए लाखों रुपये, विदेश में हो रहा फलों का निर्यात

महाराष्ट्र के दो किसान भाइयों ने अनार उगाकर कमाए लाखों रुपये, विदेश में हो रहा फलों का निर्यात

अनार एक महत्वपूर्ण फसल है। जिसका उत्पादन ज्यादातर महाराष्ट्र में किया जाता है। महाराष्ट्र के अलावा राजस्थान, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक और गुजरात में भी अनार के छोटे बगीचे देखे जा सकते हैं। यह बेहद स्वादिष्ट होता है तथा औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसलिए इसे लोगों के द्वारा खूब पसंद किया जाता है। इन दिनों अनार उगाने के मामले में महाराष्ट्र के सातारा जिले के वाठार निंबालकर गांव के दो भाइयों की चर्चा जोरों पर हो रही है। दोनों भाइयों ने कड़ी मेहनत से अपने खेतों में अनार की खेती की है और अब वो अनार का निर्यात विदेशों में भी कर रहे हैं। जिससे उन्हें भरपूर फायदा हो रहा है। गर्मियों के मौसम में दोनों भाइयों के लिए अनार लाल सोना साबित हो रहा है। बताया जा रहा है कि अमोल अहिरकर और चंद्रकांत अहिरकर ने 20 एकड़ जमीन में अनार के पेड़ लगाए थे। अब अनार के पेड़ फल देने लगे हैं और गर्मियों के मौसम में जमकर उत्पादन हो रहा है। अहिरकर बंधुओं ने बताया है कि वो इस बाग से हर साल 80 से 90 लाख रुपये तक का अनार मंडी में बेंच लेते हैं। इसके साथ ही वो अनार का विदेशों में भी निर्यात करते हैं। जहां से उन्हें ज्यादा अच्छे दाम प्राप्त होते हैं। उन्होंने बताया कि उनके पास 42 एकड़ कृषि भूमि है। जिसमें से मात्र 20 एकड़ भूमि पर अनार की खेती की जा रही है। जबकि बाकी बची हुई जमीन पर गन्ने की खेती की जा रही है। अभी फिलहाल 20 एकड़ जमीन पर उन्होंने 5500 अनार के पेड़ लगाए हुए हैं।

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अमोल अहिरकर और चंद्रकांत अहिरकर ने बताया कि उनके बागों के अनार नेपाल, बांग्लादेश और ईरान में निर्यात किए जाते हैं। इन देशों में महाराष्ट्र के अनार की भारी मांग रहती है। अहिरकर बंधुओं ने सबसे पहले साल 1996 में अपनी पुश्तैनी डेढ़ एकड़ जमीन पर अनार की खेती शुरू की थी। उन्होंने पहले साल ही बेजोड़ मेहनत की थी जिसके बदौलत उन्हें लाखों रुपये का मुनाफा हुआ। पहले उनके पास मात्र डेढ़ एकड़ जमीन ही थी। लेकिन दोनों भाई कड़ी मेहनत और अनार की खेती करके 42 एकड़ जमीन के मालिक बनने में कामयाब रहे। भविष्य में अहिरकर बंधु और बड़ी जमीन पर खेती करना चाहते हैं। अहिरकर बंधुओं की मेहनत को देखकर कई बार बड़े-बड़े नेता भी प्रभावित हो चुके हैं। कुछ साल पहले तत्कालीन कृषि मंत्री शरद पवार ने अहिरकर बंधुओं की अनार की खेती की तारीफ की थी। अनार सब-ट्रॉपिकल जलवायु का पेड़ है। जो अर्ध शुष्क जलवायु में तेजी से ग्रोथ दिखाता है। अनार के फलों के विकास एवं पकने के लिए गर्म एवं शुष्क जलवायु अच्छी मानी जाती है। 38 डिग्री सेल्सियस के आसपास का तापमान अनार की खेती के लिए सर्वोत्तम माना गया है। इसकी खेती के लिए उचित जल निकास वाली रेतीली दोमट मिट्‌टी अच्छी मानी जाती है। सुपर भगवा, ज्योति, मृदुला, अरक्ता और कंधारी अनार की बेहतरीन किस्में है। जिनका उपयोग करके किसान भाई ज्यादा से ज्यादा उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। अनार के पेड़ों को कलमों के द्वारा लगाया जाता है। इसके लिए एक साल पुरानी शाखाओं से 20 से 30 सेंटीमीटर लंबी कलमें काटकर पौधशाला में लगा दी जाती हैं। इसके बाद उन्हें खेत में रोप दिया जाता है। अगर कलमों को लगाने के पहले उन्हें 3000 पी.पी.एम. से उपचारित किया जाता है, तो जड़ें तेजी से निकलती हैं और ज्यादा संख्या में निकलती हैं। अहिरकर बंधुओं से प्रेरित होकर देश के ने किसान भी अपनी जमीन पर अनार या अनार जैसा मुनाफा देने वाले किसी अन्य फल की खेती कर सकते हैं। जिससे भविष्य में उन्हें बम्पर लाभ प्राप्त हो सकता है
किसान श्रवण सिंह बागवानी फसलों का उत्पादन कर बने मालामाल  

किसान श्रवण सिंह बागवानी फसलों का उत्पादन कर बने मालामाल  

किसान श्रवण सिंह के बगीचे में 5 हजार अनार के पेड़ हैं। बतादें कि लगभग इतने ही पेड़ उन्होंने अपने भाई के फॉर्म हाउस में लगाए हैं। इसके अतिरिक्त वे ताइवान पिंक अमरूद, केसर आम की एक विशेष किस्म की भी खेती कर रहे हैं। वह सभी फसलों की खेती जैविक विधि के माध्यम से करते हैं। वर्तमान में राजस्थान में किसान पारंपरिक खेती करने की जगह बागवानी में अधिक परिश्रम कर रहे हैं। इससे यहां के किसान बागवानी से फिलहाल खुशहाल हो गए हैं। उनकी कमाई लाखों में हो रही है। आज हम राजस्थान के एक ऐसे किसान के विषय में बात करेंगे जो चीकू, खीरे, नींबू, आम और अनार की खेती से साल में 40 लाख रुपये की आय कर रहा है। विशेष बात यह है, कि इस किसान द्वारा उगाए गए अनार की माँग विदेशों तक में है।

श्रवण सिंह एक पढ़े-लिखे ग्रेजुएट किसान हैं

दरअसल, हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सिरोही जनपद के रहने वाले किसान श्रवण सिंह के विषय में। श्रवण सिंह पढ़े- लिखे ग्रेजुएट किसान हैं। पहले वह रेडीमेड कपड़ों का व्यवसाय करते थे। परंतु, इस व्यवसाय में उनका मन नहीं लग रहा है। अब ऐसी स्थिति में श्रवण सिंह ने बागवानी करने का निर्णय लिया। वे आधुनिक विधि के माध्यम से  चीकू, खेरी, नींबू, आम और सिंदूरी अनार की खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें वार्षिक 40 लाख रुपये की आमदनी हो रही है।

अंगूर की खेती पर प्रयोग चल रहा है

वर्तमान में श्रवण सिंह अंगूर के ऊपर भी प्रयोग कर रहे हैं। उनका कहना है, कि अनार, नींबू, और अमरूद की बिक्री करके वह साल में 40 लाख रुपये की कमाई कर लेते हैं।

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नींबू की खेती इतने हेक्टेयर रकबे में शुरू की गई

श्रवण सिंह के कहने के अनुसार पहले उन्होंने बागवानी की शुरुआत क्रॉप पपीते से की थी। इसमें उन्हें काफी मोटा मुनाफा प्राप्त हुआ। ऐसे में वह आहिस्ते-आहिस्ते बागवानी का क्षेत्रफल बढ़ाते गए। ऐसे में उन्हें तीसरे वर्ष से 18 लाख रुपये की आय होने लगी। इसके उपरांत उन्होंने वर्ष 2011 में 12 हेक्टेयर में नींबू की खेती चालू कर दी। उसके बाद साल 2013 से उन्होंने अनार के भी पौधे रोपने शुरू कर दिए। 2 साल के उपरांत से ही अनार का उत्पादन शुरू हो गया। श्रवण सिंह ने बताया है, कि वे अपने खेत में उगाए गए अनार की सप्लाई बांग्लादेश, नेपाल और दुबई में भी करते है। मुख्य बात यह है, कि लैब में जाँच होने के बाद उनके उत्पादों का निर्यात होता है। इसके अतिरिक्त वे रिलायंस फ्रेश, सुपरमार्केट एवं जैन इरीगेशन जैसी मल्टिनेशनल कंपनियों को भी फल सप्लाई करते हैं।